संपादकीय

>> गुरुवार, 1 मार्च 2012




विश्व पुस्तक मेला 2012 और किताबों के प्रेमी…


हर दो वर्ष बाद नई दिल्ली के प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेले का आयोजन होता है। यह आयोजन नेशनल बुक ट्र्स्ट की ओर से होता है। इस वर्ष 2012 में भी यह मेला अपनी शानो-शौकत से 25 फरवरी 2012 को आरम्भ हुआ जिसे 4 मार्च 2012 तक चलना है। इन नौ दिनों में दूर दराज से पुस्तक प्रेमी इस मेले में आते हैं और हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं की पुस्तकों के साथ-साथ विश्व की अन्य भाषाओं की पुस्तकों के बारे में भी जानते हैं, पुस्तकों को छूकर रोमांचित होते हैं, मनपसंद की पुस्तकें खरीद कर खुश होते हैं, बच्चों की ढेरों किताबे हिंदी, अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में उपलब्ध होती हैं। नई पुस्तकों के विमोचन, सांस्कृतिक आयोजन, सेमिनार, गोष्टियाँ भी इस पुस्तक मेले का अभिन्न अंग होती हैं। पुस्तकों के बहाने नये-पुराने, परिचित-अपरिचित लेखन मित्रों से मिलना-मिलाना भी हो जाता है। नि:संदेह यह मेला हमें पुस्तकों से ही नहीं, हमें भी एक-दूसरे से मिलाता है। मेले की भीड़ दर्शाती है कि पुस्तक प्रेमियों की कमी नहीं हैं। उन्हें बस अच्छी और सस्ती पुस्तकें चाहिएँ।
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इस मेले में पंजाबी प्रकाशकों का प्रतिनिधित्व बहुत कम दिखाई दिया। ले-देकर चार-पांच प्रकाशक ही दिखाई दिए। नवयुग, आरसी, मनप्रीत, पंजाबी अकादमी आदि। भाषा विभाग का प्रकाशन, चेतना प्रकाशन, लोकगीत प्रकाशन आदि कहीं नहीं दिखे।
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इस अंक में ‘पंजाबी कहानी : आज तक’ के अन्तर्गत पंजाबी के प्रख्यात लेखक संतसिंह सेखों की बाल-मनोविज्ञान पर केंद्रित चर्चित कहानी ‘पेमी के बच्चे’, ‘पंजाबी कहानी : नये हस्ताक्षर’ के अन्तर्गत सुखजीत की कहानी ‘बर्फ़’ प्रकाशित कर रहे हैं। ‘कथा पंजाब’ में ‘आत्मकथा/स्व-जीवनी’ के अन्तर्गत पहली बार पंजाबी के वरिष्ठ लेखक प्रेम प्रकाश की आत्मकथा ‘आत्ममाया’ को धारावाहिक रूप से प्रकाशन प्रारंभ कर रहे हैं। इसके साथ ही आप पढ़ेंगे- धारावाहिक रूप से शुरू किए गए बलबीर मोमी के उपन्यास ‘पीला गुलाब’ की अगली किस्त…
आप के सुझावों, आपकी प्रतिक्रियाओं की हमें प्रतीक्षा रहेगी…
सुभाष नीरव

2 टिप्पणियाँ:

उमेश महादोषी 7 मार्च 2012 को 1:45 pm बजे  

अंक की सामग्री अच्छी है. कहानियां, लघुकथाएं प्रभावशाली हैं.

PRAN SHARMA 10 मार्च 2012 को 12:40 am बजे  

PANJABI BHASHA AUR SAHITYA KE PRATI
AAPKA LAGAV AUR JHUKAAV NISSANDEV SRAAHNIY HAI . HAIRAANEE
WAALEE BAAT HAI KI PUSTAK MELA MEIN
PANJABI PRAKASHKON KAA PRATINIDHITV
KAM RAHAA AUR EK AAP HAIN KI APNE
BLOG AUR WEBSIDE PAR PANJABI SAHITYA KAA KHUL KAR PRACHAAR AUR
PRASAAR KAR RAHE HAIN . AAPKEE IS
PRATIBADDHTA KO SALUTE KARTA HUN .

‘अनुवाद घर’ को समकालीन पंजाबी साहित्य की उत्कृष्ट कृतियों की तलाश

‘अनुवाद घर’ को समकालीन पंजाबी साहित्य की उत्कृष्ट कृतियों की तलाश है। कथा-कहानी, उपन्यास, आत्मकथा, शब्दचित्र आदि से जुड़ी कृतियों का हिंदी अनुवाद हम ‘अनुवाद घर’ पर धारावाहिक प्रकाशित करना चाहते हैं। इच्छुक लेखक, प्रकाशक ‘टर्म्स एंड कंडीशन्स’ जानने के लिए हमें मेल करें। हमारा मेल आई डी है- anuvadghar@gmail.com

छांग्या-रुक्ख (दलित आत्मकथा)- लेखक : बलबीर माधोपुरी अनुवादक : सुभाष नीरव

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वाणी प्रकाशन, 21-ए, दरियागंज, नई दिल्ली-110002, मूल्य : 300 रुपये

पंजाबी की चर्चित लघुकथाएं(लघुकथा संग्रह)- संपादन व अनुवाद : सुभाष नीरव

पंजाबी की चर्चित लघुकथाएं(लघुकथा संग्रह)- संपादन व अनुवाद : सुभाष नीरव
शुभम प्रकाशन, एन-10, उलधनपुर, नवीन शाहदरा, दिल्ली-110032, मूल्य : 120 रुपये

रेत (उपन्यास)- हरजीत अटवाल, अनुवादक : सुभाष नीरव

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यूनीस्टार बुक्स प्रायवेट लि0, एस सी ओ, 26-27, सेक्टर 31-ए, चण्डीगढ़-160022, मूल्य : 400 रुपये

पाये से बंधा हुआ काल(कहानी संग्रह)-जतिंदर सिंह हांस, अनुवादक : सुभाष नीरव

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नीरज बुक सेंटर, सी-32, आर्या नगर सोसायटी, पटपड़गंज, दिल्ली-110032, मूल्य : 150 रुपये

कथा पंजाब(खंड-2)(कहानी संग्रह) संपादक- हरभजन सिंह, अनुवादक- सुभाष नीरव

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नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया, नेहरू भवन, 5, इंस्टीट्यूशनल एरिया, वसंत कुंज, फेज-2, नई दिल्ली-110070, मूल्य :60 रुपये।

कुलवंत सिंह विर्क की चुनिंदा कहानियाँ(संपादन-जसवंत सिंह विरदी), हिंदी अनुवाद : सुभाष नीरव

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प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली, वर्ष 1998, 2004, मूल्य :35 रुपये

काला दौर (कहानी संग्रह)- संपादन व अनुवाद : सुभाष नीरव

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ज़ख़्म, दर्द और पाप(पंजाबी कथाकर जिंदर की चुनिंदा कहानियाँ), संपादक व अनुवादक : सुभाष नीरव

ज़ख़्म, दर्द और पाप(पंजाबी कथाकर जिंदर की चुनिंदा कहानियाँ), संपादक व अनुवादक : सुभाष नीरव
प्रकाशन वर्ष : 2011, शिव प्रकाशन, जालंधर(पंजाब)

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