tag:blogger.com,1999:blog-7759211952732136350.post5080356342509979054..comments2023-07-19T16:05:45.615+05:30Comments on कथा पंजाब: संपादकीयसुभाष नीरवhttp://www.blogger.com/profile/06327767362864234960noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7759211952732136350.post-88727386923031847532012-05-17T19:08:39.567+05:302012-05-17T19:08:39.567+05:30भाई नीरव जी
कथा पंजाब का ताला अंक मिला। आपकी मेहन...भाई नीरव जी<br />कथा पंजाब का ताला अंक मिला। आपकी मेहनत के लिए सदा प्रणाम करता रहा हूं।<br /><br />आपका<br />एस आर हरनोटAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7759211952732136350.post-14766344786661972222012-05-17T19:08:12.282+05:302012-05-17T19:08:12.282+05:30भाई नीरव,
पंजाबी साहित्य की नई पीढ़ी अपनी भाषा औ...भाई नीरव, <br /><br />पंजाबी साहित्य की नई पीढ़ी अपनी भाषा और साहित्य के प्रति जितना गंभीर है वह प्रशंसनीय है. मैं तुम्हारी बात से बिल्कुल सहमत हूं. लेकिन क्या कारण है कि हिन्दी का नया लेखक उसका दशांस भी गंभीर नहीं है. वह जोड़-जुगाड़ में लगा है. उसका साहित्य इतना अपठनीय है कि हिन्दी पाठक साहित्य से दूर होता जा रहा है. ऎसी स्थिति में पंजाबी के युवा लेखक हिन्दी के लिए एक नज़ीर बन सकते हैं. एक अच्छे संपादकीय के लिए बधाई.<br /><br />रूपसिंह चन्देलAnonymousnoreply@blogger.com