tag:blogger.com,1999:blog-7759211952732136350.post3522536979374688294..comments2023-07-19T16:05:45.615+05:30Comments on कथा पंजाब: पंजाबी कहानी : नए हस्ताक्षरसुभाष नीरवhttp://www.blogger.com/profile/06327767362864234960noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-7759211952732136350.post-4909964007700262982010-11-06T14:49:49.254+05:302010-11-06T14:49:49.254+05:30सुभाष जी ,
अच्छी कहानी देशराज जी की ...कुछ पंक्ति...सुभाष जी ,<br />अच्छी कहानी देशराज जी की ...कुछ पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगीं ......<br /><br />@अगर दूध उबल कर आग में गिरे तो मांस के जलने जैसी बदबू नहीं आती ....?<br />@ हलाल तो बिलकुल सफ़ेद पड जाता है ....<br />@ यह खुंडी और जूती सरहद पार फें क आना कंटीली तारों के ऊपर से मैं समझूंगा मेरे भाई के पास चली गई<br />@ पकिस्तान के गाँव क्यों नहीं कहते हो ....?<br />कुछ विभाजन की त्रासदियाँ भी देखने को मिली ..<br />दो मुल्को के बीच अंतर्वेदना को बखूबी दर्शाया है देशराज जी ने .....<br /><br />अनुवाद में आपका कोई सानी नहीं ....बहुत मेहनत करते हैं आप ....<br />बधाई ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7759211952732136350.post-88200023905296817342010-11-05T16:06:05.246+05:302010-11-05T16:06:05.246+05:30बदलते परिवेश मैं,
निरंतर ख़त्म होते नैतिक मूल्यों...बदलते परिवेश मैं,<br />निरंतर ख़त्म होते नैतिक मूल्यों के बीच,<br /> कोई तो है जो हमें जीवित रखे है,<br /> जूझने के लिए है,<br /> उसी प्रकाश पुंज की जीवन ज्योति, <br />हमारे ह्रदय मे सदैव दैदीप्यमान होती रहे,<br /> यही शुभकामनाये!!<br /> दीप उत्सव की बधाई...................amar jeethttps://www.blogger.com/profile/09137277479820450744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7759211952732136350.post-37251132213670087352010-10-02T21:50:19.507+05:302010-10-02T21:50:19.507+05:30काली जी कहानी बहुत बढ़िया लगी। बधाई।काली जी कहानी बहुत बढ़िया लगी। बधाई।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7759211952732136350.post-40159212047548719722010-09-23T11:18:37.654+05:302010-09-23T11:18:37.654+05:30देशराज काली की कहानी बहुत पसन्द आयी. अपने समय का इ...देशराज काली की कहानी बहुत पसन्द आयी. अपने समय का इतना गहरा सम्वेदन किसी भी रचनाकार को बड़ा बना देने के लिये काफी है. मजहब ने हमारे समाज का बहुत नुकसान किया है. कौन मानता है कि मजहब नहीं सिखाता आपस में वैर करना, मजहब ही तो वैर करना सिखा रहा है और इसी के नाते हम इनसान को बांटकर देखने के आदी होटल चले गये हैं. यह डर इस कहानी में साफ झलकता है. काली को बधाई, सुभाष जी को भी.डा सुभाष रायnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7759211952732136350.post-88945117760272443032010-09-22T15:57:36.753+05:302010-09-22T15:57:36.753+05:30सम्मानिय सुभाष जी
समानीय देश राज जी
नमस्कार !
कहा...सम्मानिय सुभाष जी<br />समानीय देश राज जी<br />नमस्कार !<br />कहानी अच्छी लगी , साधुवाद<br />सादर !<br />''सुनील गज्जाणीhttps://www.blogger.com/profile/12512294322018610863noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7759211952732136350.post-37844449485682130912010-09-22T15:54:52.045+05:302010-09-22T15:54:52.045+05:30सम्मानिय सुभाष जी
नमस्कार !
''कथा पंजाब &...सम्मानिय सुभाष जी<br />नमस्कार !<br />''कथा पंजाब '' के लिए आप को बधाई !<br />सादरसुनील गज्जाणीhttps://www.blogger.com/profile/12512294322018610863noreply@blogger.com